साधना पूर्ण होते ही भैरवी, साधक के मनोरथ को पूर्ण करती है जब भी साधक उसे याद करता है, भैरवी प्रकट हो जाती है इनकी पूर्ण सिद्धि होने पर साधक को हवा में उड़ने की शक्ति प्राप्त हो जाती है, साधक मन की इच्छा मात्र से कोई भी वस्तु प्राप्त कर सकता है जो उसके सामने प्रकट हो जाती है