ऐसी तांत्रिक साधना लेकर के आया हूं जिसकी सिद्धि प्राप्त करने पर व्यक्ति के ऊपर 100% धन की वर्षा होती है और यह प्रमाणित साधना है और मात्र दीपावली की रात्रि में एक रात में ही सिद्ध हो जाने वाली सिद्धि है।
इसे दीपावली,होली,शिवरात्रि,जन्माष्टमी पर किया जाता है विभिन्न प्रकार के तांत्रिकों से होता हुआ उज्जैन के प्रतापी राजा विक्रमादित्य ने इस साधना को किया था जब उनके ऊपर शनि की साढ़ेसाती चली थी तो उनका सारा धन रुपया पैसा सब कुछ समाप्त हो गया था तब उन्होंने।शनिदेव की कृपा से स्वस्थ होने के बाद। खाली पड़े खजाने को फिर से प्राप्त करने के लिए इस साधना को किया था। और तब वापस अपने? महल में जब दोनों रानियों के साथ उज्जैन पहुंचे थे तब नगर में दीपावली मनाई गई थी और उस रात उन्होंने इस इस साधना को करके पूरा खजाना भर लिया था। इसी प्रकार उसके कई सौ वर्षों के बाद। आमेर के दुर्ग में राजा मानसिंह ने इस साधना को एक तांत्रिक के कहने पर चील के टीले नामक पहाड़ी पर स्थित अंबिकेश्वर मंदिर में किया था वहां पर माता दुर्गा और भगवान शिव की पूजा की जाती थी। तांत्रिक के कहने पर जब देवी उनके सामने प्रकट हो गई तो उन्होंने इन्हें अफगानिस्तान और उसके क्षेत्र पर हमला करके।
बहुत बड़े धन को प्राप्त करने की विद्या बताई थी।फिर राजा मानसिंह ने सारा खजाना लूट कर उसे लेकर आमेर वापस आए और इस धन का कोई भी विवरण इन्होंने अकबर को नहीं सौंपा क्योंकि देवी की माया से अकबर ने इन्हें मिला हुआ सारा धन इन्हीं के लिए छोड़ दिया था और इनसे कुछ भी धन के रूप में प्राप्त नहीं किया था।
ऐसा हो ही नही सकता कोई साधक इनकी साधना करे और धन न प्राप्त कर पाये