जब दर्शन दे आपको जो भी रिश्ता इनके साथ कायम करना चाहते हैं उसी से आप इन्हें संबोधित करे साधक इस साधना को किसी एकांत स्थल में बैठकर करने लगे और ग्रहण समाप्त होने पर। इस साधना को पूर्ण कर स्नान करें। यह साधना बहुत ही तीव्र और मनोवांछित तभी सभी प्रकार की तंत्र सिद्धियों को देने वाली है इस साधना के सिद्ध होते ही दिव्य बल यक्षों के समान प्राप्त होता है इसके अलावा सुन्दर यक्ष कन्याओ की प्राप्ति होती है जो साधक को हर प्रकार से संतुष्ट करती हैं यदि देवी प्रेमिका या पत्नी के रूप में सिद्ध हो जाती है तो साधक स्वयं कुबेर समान सिद्धिवान और बलवान होने के अलावा महा धनवान बन जाता है उसके पास अकूत संपत्ति आ जाती है