जगत में माँ तारा से श्रेष्ठ कुछ भी नहीं वे भोग और मोक्ष दोनों को देने वाली है ! यहाँ वे धन सम्बन्धी सभी समस्यों को दूर करती है वहीँ वो मुक्ति को देने वाली भी है !बोद्ध धर्म में माँ तारा की अनेक प्रकार से उपासना की जाती है ! एक मान्यता के अनुसार भगवान बुद्ध ने भी माँ तारा की उपासना की और भगवान रामचंद्र जी के गुरु वशिष्ट जी ने भी पूर्णता की प्राप्ति के लिए माँ तारा की आराधना की ! हमारी कथाओं के अनुसार भगवान शिव और महापण्डित रावण भी उनकी शरण में गए ! कहा जाता है जिन्हें भगवान शिव भी न तारे उन्हें माँ तारा तार देती है !