उसका रूप अत्यंत सुंदर होता है,उसके शरीर हमेशा सुगंध से महकता रहेता है। उसकि आंखो मे देखने से साधक अपना सबकुछ भुल जाता है और परी का दिवाना हो जाता है। सबसे ज्यादा इसके गाल खुबसूरत होती हैं जब वो स्पर्श करती है तो येसे लगता है जैसे सारी ख्वाहिश पुर्ण हो गयी हो,उनका शरीर हमेशा थंडा होता है और वो जब स्वयं हमे स्पर्श करे तो उसका शरीर गरम हो जाता है परंतु हमारे स्पर्श से उसका शरीर गरम नही होता है।परी साधक को कभी नाराज नही करती है,उसकी प्रत्येक कामना पुर्ण करती है। ये साधना कोइ भी कर सकता है जैसे शादी-शुदा पुरुष भी कर सकते हैं।यह धन देने के साथ काम सुख प्रेम और तेज शक्ति प्रदान करती हैं इसकी साधना से वशीकरण शक्ति पैदा हो जाती है साधक परी से कोई भी सात्विक और राजसी काम करवा सकता है .