माता के स्वरूप मूल स्वरूप है जिसे मां पार्वती स्वरूप कहते हैं। इनकी आराधना करने वाला साधक सभी शक्तियां प्राप्त कर सकता है और समस्त सिद्धियां प्राप्त करते हुए मोक्ष प्राप्त कर लेता है। एकमात्र इनके पार्वती स्वरूप से ही संपूर्णता प्राप्त हो जाती है। इसीलिए इन्हें पार्वती पूर्णा कहा जाता है जो संपूर्ण है, कंप्लीट है। देवी मां की पूजा अगर आप करते हैं। नवरात्रि के समय में 9 दिन तो आपको धर्म, अर्थ, संपत्ति, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आध्यात्मिक उन्नति होती है। आत्म साक्षात्कार होता है। जीवन में संपूर्ण उन्नति होती है। कुंडली जागरण और शटचक्र भेदन की सिद्धि प्राप्त होती है। पशु भाव से वीर भाव, वीर भाव से दिव्य भाव की प्राप्ति होती है, मन प्रसन्न होता है, शरीर स्वस्थ होता है। जीवन में सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। वशीकरण शक्ति जागरण होता है। जादू टोना सभी षटकर्मो से मुक्ति मिलती है। संपूर्ण वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है शरीर के अंदर काम तत्व का विकास होता है। कलात्मक विकास होता है और जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है। ज्ञान तत्व बढ़ता है और ऊर्जा के लिए सफलता अंदर से पैदा होती है।