यक्षिणी को शिव जी की दासिया भी कहा जाता है, यक्ष का शाब्दिक अर्थ होता है जादू की शक्ति.आदिकाल में प्रमुख रूप से ये रहस्यमय जातियां थीं। जिस तरह प्रमुख 33 देवता होते हैं, उसी तरह 64 यक्ष और यक्षिणियां भी होते हैं। अनुरागिणी यक्षिणी साधक पर प्रसन्न होने पर उसे नित्य भोग,धन, मान, यश आदि प्रदान करती है और साधक की इच्छा होने पर सहायता करती है।