रुद्रयामल तंत्र में स्पष्ट वर्णित है कि यदि यह तंत्र साधना पूर्ण विधि विधान से संपन्न कि जाय, तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि देवि तत्काल आकर साधक का मनोरथों को पूर्ण ना करे | यह यक्षिणी साधक की सारी आर्थिक तंगी को दूर कर उसे आर्थिक रूप से मजबूत बनाती है.अगर ये प्रसन्न हो जाये तो साधक कुबेर की भाँति जीवन जीता है|