इस साधना का प्रभाव शक्तिशाली होता है और अघोरी की आत्मा साधक के आसपास ही रहती है और उसे! प्रोटेक्शन भी प्रदान करती है यानी उसकी रक्षा भी या करती है। जो भी कार्य आपको इस साधना में उस अघोरी वीर आत्मा से करवाना है। उसके लिए आप भोग देकर इस के मंत्रों का उच्चारण करके अपनी प्रार्थना को उस आत्मा से बोलना है और कहना है इस कार्य हेतु मैंने आपको बुलाया है आप अपना भोग। स्वीकार कीजिए। और मेरे कार्य को तुरंत ही कर दीजिये ।