हे देवी! तीन वर्ष तक काली-सहस्रनाम का पाठ करने से साधक भोगवती कला को प्राप्त कर लेता है। इस कला को प्राप्त करनेवाले पुरुष का दर्शन करने से ही महाकाली के द्वारा डंसा हुआ तथा चिता के मध्य में रखा हुआ पुरुष भी जी उठता है। पांच हजार बार पाठ करने से काम-कोटि को भी मोह लेता है। 10 हजार बार पाठ करने से दशमुखेश्वर हो जाता है। 24 हजार बार पाठ करने से उसे 24 सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं। एक लाख आवृत्ति करने से साधक लक्ष्मीपति के समान हो जाता है। तीन लाख बार पाठ करनेवाला महादेव को भी जीत लेता है। पांच लाख बार पाठ करने से पांचों कलाओं से युक्त हो जाता है। 10 लाख बार पाठ करने से 10 महाविद्याओं की प्राप्ति हो जाती है। 25 लाख बार पाठ करने से 10 विद्याओंका ईश्वर हो जाता है। 50 लाख बार पाठ करनेवाला साधक महाकाल-सी समता रखता है। एक करोड़ बार पाठ करनेवाला पुरुष महाकाली से साक्षात कर लेता है। स्वयं काली वरदान की मुद्रा में महाकाल के साथ उसके सामने प्रगट होती हैं।