इस प्रकार साधना पूर्ण होते ही नाग कन्या प्रत्यक्ष आकर साधक को प्रेमी रूप में स्वीकार कर उसके साथ रतिक्रिया भोग करती है और उसे विभिन्न प्रकार की नाग लोक की शक्तियां प्रदान करती है वह नाग लोक में प्रवेश कर सकता है सम्मोहन शक्ति का प्रयोग कर किसी को भी वश में कर सकता है अपने मुह से विष फुंकार छोड़ सकता है जिस से वह किसी को भी उसी समय बेहोश कर सकता है हाथी के समान उसका बल हो जाता है अपनी एक पुकार पर लाखो सर्पो को अपने पास बुला सकता है और उन्हें कार्य सौप सकता है नाग कन्या की पूर्ण सिद्धि होने पर इसी प्रकार की बहुत सारी सिद्धियाँ उसे प्राप्त हो जाती हैं |